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अमृतसर ट्रेन हादसा ,ज़िम्मेदार कौन

अमृतसर / अमृतसर ट्रेन हादसे पर पंजाब की कैप्टन  सरकार ने जांच के आदेश तो दे दिए हैं, लेकिन सवालों के घेरे में अमरिंदर कैबिनेट के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर हैं। क्योंकि जिस वक्त यह हादसा हुआ, नवजोत कौर रावण दहन कार्यक्रम के मंच पर मौजूद थीं और जिस जगह यह समारोह आयोजित किया, वह नवजोत सिंह सिद्धू के विधानसभा क्षेत्र में आता है। इस मामले पर रेलवे जो बयान दे रहा है, उससे स्थानीय नेतृत्व और कार्यक्रम के आयोजकों पर गंभीर सवाल खड़े रहे हैं।

हालांकि, नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी रेलवे पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन डीआरएम ने ऐसे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। यहां तक कि रेल राज्य मंत्री ने भी रेलवे को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी है। ऐसे में नवजोत कौर सिद्धू पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। रावण दहन का कार्यक्रम जिस जगह आयोजित किया गया, वह अमृतसर और मनावला के बीच फाटक नंबर २७ के पास है। रेलवे क्रॉसिंग से घटनास्थल की दूरी करीब ३०० मीटर है। जबकि पुतला दहन स्थल और रेलवे ट्रैक के बीच करीब ७० मीटर की दूरी थी। बावजूद इसके यहां पुतला दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम यूथ कांग्रेस के नेता सौरभ की तरफ से आयोजित किया गया, जो नवजोत कौर के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में सवाल ये कि नवजोत कौर ने इस कार्यक्रम को आयोजित ही क्यों होने दिया?

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए इजाजत नहीं ली गई। अगर ऐसा है तो फिर पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर उस कार्यक्रम में ही क्यों पहुंचीं और उन्होंने आयोजक से इसकी परमिशन लेने के लिए क्यों नहीं कहा ।
ताज्जुब की बात ये है कि यहां सालों से यूं ही रावण दहन होता रहा है। यानी सालों से हादसे का इंतजार किया जा रहा था। स्थानीय प्रशासन या तो खतरे की अनदेखी करता रहा या फिर उसे इतनी छोटी सी बात समझ में नहीं आई कि रावण दहन का कार्यक्रम कराना कितना खतरनाक था। अब रेलवे, स्थानीय प्रशासन, सांसद-सरकार, सब एक-दूसरे पर टोपी ट्रांसफर कर रहे हैं।
21 October 2018

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