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जन-जन का है अधिकार पर्यावरण, शिक्षा एवं सूचना अधिकार : अधिवक्ता जितेंद्र चौहान - UP SANDESH

कानपुर देहात (अमित राजपूत) केंद्र और राज्य के बीच पंचायती राज व्यवस्था को अधिकार दिये जाने के नाम पर पूर्व की खींचतान वर्तमान में जहाँ समाप्त दिखती है। वही पंचायती राज की सफलता में दूसरा नकारात्मक पहलू यह है कि देश की नौकरशाही सांसदों और विधायकों के आदेश का पालन करने के लिए तो तत्पर दिखती है,लेकिन इसी नौकरशाही के पास इस बात का कोई अनुभव उनके कार्य व्यवहार से नहीं दिखता है कि स्थानीय स्तर पर चुने गये नुमाइंदों को वह  कैसे उनके कार्य में सहयोग दें,यह बात ग्राम रायपुर विकासखण्ड सन्दलपुर, सिकन्दरा में सुभाष चन्द्र बोस ने यु मण्डल भरतोय आर टी आई परिषद व अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार यूनिट के संयुक्त तत्वावधान में ,ग्राम स्वराज के तहत'सूचना का अधिकार, पंचायतों की स्थिति,शिक्षा एवम विकास सम्मेलन'में सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने कही उन्होंने कहा कि,पंचायती राज ब्यवस्था के सक्षम संचालन हेतु चुने हुए प्रतिनिधयों को नियमित अंतराल में लगातार प्रशिक्षण की आवश्यकता है किन्तु इस नौकरशाही में सहयोग के नाम पर इन चुने हुए प्रतिनिधियों के लिए एक-दो सप्ताह या एक-दो रोज का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और ऐसा मान लिया जाता है कि इनको प्रशिक्षित कर दिया गया। अतः इस लिहाज से देखा जाये तो लगता है कि अभी हमें लंबी दूरी तय करनी है। कहा कि जरूरत पंचायती राज के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिये जाने के साथ ही यह भी है कि इन बाबुओं को भी यह प्रशिक्षण दिया जाये कि कैसे पंचायती राज व्यवस्था के साथ तारतम्य बनाया जाये। कहा कि तमाम लोकापयोग योजनाओं को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी पंचायतों की है, लेकिन जागरुकता एवं भ्रष्टाचार की वजह से इन कार्यक्रमों का हाल चिंताजनक है।ग्रामसभा को कुछ मांगने की जरूरत ही नहीं है। एकजुटता में वही सब कुछ समाहित है, जो एक नागरिक को चाहिए। शिक्षा की स्थिति पर जितेन्द्र ने कहा कि भारत की ज्यादातर आबादी आज भी गांवों में बसती है इसलिए भारत में ग्रामीण शिक्षा का विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है। कि भले ही ग्रामीण छात्रों के स्कूल जाने की संख्या बढ़ रही हो पर इनमें से आधे से ज्यादा छात्र दूसरी कक्षा तक की किताब पढ़ने में असमर्थ हैं और सरल गणितीय सवाल भी हल नहीं कर पाते। इसे लेकर जो कारण प्रमुख रूप से सामने आ रहा है वो है एक से ज्यादा कक्षाओं के लिए एकल कक्षा की बढ़ती संख्या है,जिस पर कारगर कदम सक्षम स्तर पर उठाने की आवश्यकता है।मानवाधिकार व आर टी आई कार्यकर्त्ता प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय आर टी आई परिषद एल एल एम छात्र मेघराज सिंह ने कहा कि सूचना अधिकार के प्रयोग से योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आ सकती है। सूचना का अधिकार हमारे परिपक्व लोकतंत्र का परिचायक है। मगर इस कानून  का कारगर उपयोग को जमीनी रूप देने के लिए निचले तबकों तक इसके उपयोग के तरीकों का ज्ञान आवश्यक है।मानवाधिकार को बच्चो के परिपेक्ष्य में महत्व बताते हुए जितेन्द्र व मेघराज सिंह राजपूत     ने कहा कि हमें यह तय करने का अधिकार है की हमारे बच्चे को किस तरह की शिक्षा मिले। हर बच्चे को जीने का अधिकार है, उसे अच्छी तरह की शिक्षा मिले। यदि हमें हमारा हक़ दिलाने मैं सरकारी महकमा हमारी मदद नहीं कर रहा है तो हम मानव अधिकार आयोग में शिकायत कर सकते हैं।शिक्षा मित्र संघ जिलाध्यक्ष महेन्द पाल,सन्दलपुर विकास खण्ड साधन सहकारी समिति अध्यक्ष विनोद कटियार, प्रधानाचार्य एन के दीक्षित ने कहा कि ग्रामसभा को मजबूत बनाए बिना गांधी के ग्राम स्वराज्य के सपनों को साकार नहीं किया जा सकता और ग्रामवासियों को ग्रामसभा के महत्वपूर्ण कार्य और अधिकारों को समझना होगा, क्योंक यही एक ऐसा मंच है जहां पर सामाजिक अंकेक्षण हो सकता है,सम्मेलन में गांव पचायत स्तर पर ब्याप्त भ्रष्टाचार के साथ ही शैचालय,आवास,सड़क,नांली,खड़ंजा,आदि की समस्या लोगो  ने रखी जिस पर अग्रिम कार्य रूपरेखा तय किया गया ।अध्यक्षता ओम प्रकाश शुक्ला ने व संचालन सिकन्दरा तहसील सिविल बार अध्यक्ष जनमेजय सिंह व प्रोफेषर सजंय पाल ने संयुक्त रूप से किया।कार्यक्रम का आयोजन शिवम शुक्ला,विवेक पाल, आशीष राजपूत,ब्रजकिशोर राजपूत ने किया।प्रमुख रूप से सोमदत्त अवस्थी,मिलन सिंह,राम औतार पाल,राम औतार कठेरिया,आदि भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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