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पर्यावरण दिवस पर अधिवक्ताओं ने किया पौधरोपण - UP SANDESH

कानपुर देहात 5 जून 2018 (अमित राजपूत) हम हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास करते रहना चाहिए लेकिन हमेशा यह सुनिश्चित रहे की भविष्य में हमारे पर्यावरण को इससे कोई नुकसान न हो। यह बात सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सिविल बार एसोसिएशन के तत्वावधान पर्यावरण जन जागरण गोष्ठी में कही। जितेन्द्र ने पर्यावरण का अर्थपूर्ण महत्व बच्चों व उपस्थित जन को बताते हुए कहा कि पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है, जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास अर्थात  जो हमारे चारों ओर है, और "आवरण" जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। अतः इसे सुरक्षित रखने से ही हम व हमारी पीठी सुरक्षित रहेगी। कहा कि हर किसी के छोटे से छोटे प्रयास से हम हमारे बिगड़ते पर्यावरण की दिशा में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। प्लास्टिक पालीथिन व प्लास्टिक का इस्तेमाल न करे, तथा प्लास्टिक कचरा सुरक्षित और निर्धारित स्थान पर ही डालें ताकि उसे रि-साईकिल किया जा सके।जन्म दिवस पर  हर वर्ष कमसे कम एक पौधा लगाने का आवाहन और कम दूरी जाने के लिए साइकिल या पैदल तथा निजी वाहन की जगह सार्वजनिक वाहन प्रयोग यथासंभव करने, जल की बर्बादी व प्रदूषण रोकने, कागज के इस्तेमाल में मितब्ययिता अपनाने, नोटबुक को पूरा भरकर इस्तेमाल करने व फाडकर फेकने की जगह रद्दी वाले को देने की बात बच्चो से कही तथा किताबों को इस्तेमाल के बाद जरूरतमंद को देने को कहा। इसअवसर पर जितेन्द्र चौहान के साथ साधन सहकारी समिति फत्तेपुर रोशनाई के अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह सेंगरसरवनखेड़ा प्रा शि संघ के संयोजक देवेन्द्र सिंह आनन्द ने कहा कि पौधा रोपण हेतु उपयुक्त मौसम में ही पौधे रोपित किये जाने चाहिए मात्र सस्ती लोकप्रियता में किये गए पौधारोपण पौधों की भ्रूण हत्या के समान हो। इस अवसर पर पूर्व में लगाये गए पौधों को जल दे प्रतीकात्मक रक्षासूत्र में बांध धरा में  बृक्षों को बचाने का संकल्प लेने के साथ ही पॉलीथिन के जमीन में बिखराब के स्थान पर उसे एकत्रित कर उसे रिसाइकिल प्रकिया में लाने हेतु जनजागरण व बच्चो को जागरूक करते हुए कचरे में फेकी गयी पालीथीन को बीन कर उसे गत्ते में इकट्ठा किया गया। प्रमुख रूप से उदयवीर सेंगर, रिंकू सिंह, दीपक सिंह, सुंदर सिंह, इंदर सिंह, अर्पित सिंह, छोटू सिंह, विजयेन्द्र सेंगर, सोलंकी, राज शुक्ला, विशाल सिंह, ब्रजेश सिंह, प्रिंश सिंह, जितेन्द्र सिंह, वीरेन्द्र कमल, बन्नू तिवारी, दीपेंद्र सिंह, बाबू कमल, फतेह बहादुर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

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