Crime

[Crime][bsummary]

Social

[Kanpur][bsummary]

Political

[Political][bsummary]

National

[National][twocolumns]

सुप्रीम कोर्ट के अहम् फैसले के बाद ग्रहकों को फिर से करवानी पड़ सकती है केवाईसी


नई दिल्ली / यूडीआई ने सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद मोबाइल कंपनियों को नए निर्देश दिए गए हैं। अब आधार कार्ड को मोबाइल फोन कनेक्शन से डीलिंक करवाने पर आने वाले दिनों में आपको फिर से केवाईसी करवाना पड़ सकता है। इसमें आपको फिर से एड्रेस प्रूफ या आईडी प्रूफ अपने टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर के पास जमा करवाना होगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि यूडीआई ने टेलिकॉम कंपनियों से प्लान मांगा है जिससे आधार कार्ड बेस्ड केवाईसी बंद किया जा सके।
यूडीआई को यह कदम सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद उठाना पड़ा है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बैंक अकाउंट, मोबाइल सिम, प्राइवेट सेक्टर, स्कूल ऐडमिशन, नीट, सीबीएसई, यूजीसी आदि में आधार की अनिवार्यता नहीं होगी। वहीं आईटी रिटर्न, सरकारी स्कीमों के तहत सब्सिडी लेने के लिए आधार की जरूरत होगी।

मिली जानकारी के मुताबिक, जो कस्टमर आधार को डीलिंक करवाना चाहेंगे उन्हें कोई और प्रूफ जमा करवाना होगा। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, राशन कार्ड, इलेक्शन आईडी कार्ड, बैंक पासबुक, बिजली बिल आदि मान्य होंगे। दरअसल, यूडीआई ने एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आईडिया के साथ अन्य कुछ कंपनियां को एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें दूरसंचार कंपनियों से पूछा गया है कि अब मोबाइल सिमकार्ड के सत्यापन के लिए होने वाले आधार कार्ड नंबर के इस्तेमाल को कैसे रोका जाएगा। इस पर कंपनियों को 15 दिन के अंदर जवाब देना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूडीआई ने टेलिकॉम कंपनियों को साफ किया कि वे अब नई सिम खरीद रहे लोगों या फिर पहले से चल रही सिम को वेरिफाई करने के लिए आधार नंबर की मांग नहीं कर सकते। सभी ऑपरेटर्स को कहा गया है कि वह अपने कस्टमर्स को आधार डीलिंक करने की प्रक्रिया के बारे में जागरूक करें। 
02 October 2018

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें