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अंतिरक्ष के क्षेत्र में भारत जल्द ही रचेगा एक और इतिहास


नई दिल्‍ली / अतंरिक्ष विज्ञान में लगातार नए आयाम बना रहा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जल्‍द ही अंतिरक्ष के क्षेत्र में एक और ऊंची छंलाग लगाने वाला है। इसरो की यह पूर्ण रूप से व्यावसायिक उड़ान होगी। इसके साथ कोई भी भारतीय उपग्रह नहीं भेजा जाएगा। इसकी शुरुआत 16 सितंबर,2018 को होगी, जब भारतीय राकेट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दो बिट्रिश उपग्रहों के साथ उड़ान भरेगा। इस कामयाबी के साथ ही भारत उन देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जिसके पास विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्‍थापित करने या भेजने की अपनी तकनीक मौजूद है। 

इससे पहले 23 अप्रैल, 2007 को इसरो ने पहली बार व्‍यावसायिक उद्देश्‍य के लिए राकेट लांच किया था। लेकिन पीएसएलवीसी -ए ने इटली के खगोलिय उपग्रह एगील को प्रक्षेपित किया था। इसके बाद 10 जुलाई 2015 को इसरो ने एक और उपलब्धि हासिल की जब उसने पीएसएलवीसी-28 से पांच ब्रिट्रिश उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित किया,जिसका कुल वजन एक हजार 439 किलोग्राम था। इसरो अबतक 28 देशों के 237 विदेशी उपग्रहों को प्रक्षेपण कर चुका है। इसके साथ इसरो लगातार अपनी क्षमता और तकनीक को बढ़ाने में जुटा है, ताकि इसके जरिए ज्‍यादा से ज्‍यादा वाणिज्यिक उपग्रहों को लांच कर सके और उस बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा कमाई हो सके।
इसरो ने अपनी स्‍थापना के बाद से ही देश को अंतिरक्ष के क्षेत्र में कई मुकाम दिए है, जिससे भारत की शक्ति का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। लेकिन ये कदम अब व्यावसायिक क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ रहे हैं। दुनिया में उपग्रह प्रक्षेपण का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। भारत इसरो के जरिए इस बाजार की संभावनाओं को न स‍िर्फ तलाश रहा है, बल्कि सफलतापूर्वक अपने कदम लगातार आगे बढ़ा रहा है। हालांकि, भारत की हिस्‍सेदारी अंतरराष्‍ट्रीय उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में अपेक्षा से काफी कम है। लेकिन धीरे-धीरे ही सही भारत सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि, व्यावसायिक उपग्रह प्रक्षेपण के मामले में भारत को अभी लंबी छंलाग लगाने की जरूरत है। उपग्रह प्रक्षेपण के वैश्विक बाजार की बात करे तो ये फ‍िलहाल 33 हजार 500 करोड़ डालर के पास है,लेकिन भारत की हिस्‍सेदारी इसमें एक फीसदी से भी कम है। भारत के अंतरिक्ष के क्षेत्र में व्‍यावसायिक लेखाजोखा एन्ट्रिक्‍स कार्पोरेशन लिमिटेड के हाथों में है, जो भारत सरकार की एक पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली कंपनी है। एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन भारत की अंतरिक्ष व्यापार कंपनी है। एन्ट्रिक्‍स का प्रशासनिक नियंत्रण अंतिरक्ष विभाग के पास है।
12 September 2018

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