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फ़िल्मी अंदाज़ में फर्जी इंटरव्यू ,सरकारी भवन का इस्तेमाल

 नई दिल्ली / पुलिस ने एक ऐसे जॉब रैकिट का पर्दाफाश किया है, जो आयल एंड गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) में जॉब दिलाने के नाम पर उम्मीदवारों से लाखों वसूलता था। आश्चर्य की बात यह है कि विभिन्न पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के फर्जी साक्षात्कार के लिए उच्च सुरक्षा वाले कृषि भवन के सरकारी अधिकारियों के कमरे का इस्तेमाल किया जाता था। उन लोगों ने युवाओं से नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए ठगे थे। पुलिस ने बताया कि रैकिट चलाने वाले में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एक ऑनलाइन स्कॉलरशिप फर्म का डायरेक्टर, एक ग्राफिक डिजाइनर, एक टेकी और एक इवेंट मैनेजर शामिल था। उनलोगों की मंत्रालय के स्टाफ से मिलीभगत थी। गैंग ने बहुत ही जबर्दस्त बंदोबस्त कर रखा था। उन लोगों ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के चौथी श्रेणी के दो कर्मचारियों को अपने साथ मिला रखा था, जो मल्टीटास्किंग स्टाफ थे। 


पुलिस ने बताया कि वे दोनों स्टाफ उस अधिकारी के खाली कमरे का बंदोबस्त करते थे, जो छुट्टी पर होते थे। फिर पीड़ितों को फर्जी इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता था। आरोपी खुद को ओएनजीसी का बोर्ड मेंबर बताते और इंटरव्यू लेते। उसके बाद पीड़ितों को फर्जी जॉब लेटर्स दिया जाता था। उसके बाद रैकिट का मास्टरमाइंड उनसे पेमेंट लेता था।
हाल ही में उनलोगों ने छात्रों के एक ग्रुप से 22 लाख रुपए ठग लिए। इस संबंध में ओएनजीसी की ओर से वसंत कुंज थाने में शिकायत दर्ज कराई गई कि ओएनजीसी में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर उनलोगों को ठगा गया। मामला दर्ज करके क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया। जांच के दौरान पता चला कि पीड़ितों को ओएनजीसी के ऑफिशल मेल से ईमेल आए थे और कृषि भवन में इंटरव्यू लिया गया था। पीड़ितों का परिचय रंधीर सिंह नाम के व्यक्ति से कराया गया था जिसकी पहचान अब किशोर कुणाल के तौर पर हुई है। 
19 September 2018

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