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क्या आप जानते है, गूगल की उम्र क्या है


 15 सितंबर 1997 को गूगल डॉट कॉम रजिस्टर्ड हुआ और अगस्त 1998 में यह कुछ लोगों के सामने आया। 37 लाख की फंडिंग से यह कंपनी अगस्त 1998 में शुरू हुई। यह कंपनी गूगल इंक के नाम से बनाई गई थी। गूगल अब 20 साल का युवा हो गया है। गुरुवार को इसने अपने होम पेज पर एक वीडियो डूडल डाला, जिसमें सर्च का इतिहास बताया गया है। गूगल का इतिहास भी काफी रोचक है। 1995 में सेकंड ईयर के छात्र सगेई ‎ब्रिन टूर पर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी गए थे। वहां पर उनकी मुलाकात मिशीगन के इंजीनियर ग्रैजुएट लैरी पेज से हुई। दोनों में दोस्ती हुई, दोनों ने पीएचडी के लिए यूनिवर्सिटी स्टैनफोर्ड में दाखिला ले लिया।

यूनिवर्सिटी में साथ रहते हुए उन्होंने ढेर सारे कंप्यूटर खरीद कर जमा किए। रिसर्च के रूप में वेब सर्च इंजन तैयार किया। उस समय इंटरनेट पर कोई भी चीज खोजने के लिए हर पेज को लिंक करना पड़ता था। यह सर्च इंजन स्टैनफोर्ड में काफी लोकप्रिय हो गया। तब इन्होंने पीएचडी की पढ़ाई को बीच में रोककर 'बेकरब' नाम के प्रोजेक्ट को शुरू किया। अगस्त 1996 में बेकरब का नाम बदलकर गूगल हो गया।
- 37 लाख रुपए से शुरू हुई कंपनी
1998 में 1 लाख डॉलर उस समय की भारतीय मुद्रा 37 लाख रुपए की सहायता, सन माइक्रोसिस्टम के संस्थापक एंडी बेकटोलशीम ने दी। इस रकम से गूगल इंक के नाम से कंपनी बनाई गई।
- शुरूआती साल में नहीं बिकी कंपनी
गूगल के दोनों संस्थापक ब्रिन और पेज 1998 में इस कंपनी को याहू को बेचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कंपनी नहीं बिकी। इसके बाद एक अन्य कंपनी एक्सआई को बेचने की कोशिश की। लेकिन तब भी कंपनी नहीं बिकी। उसके बाद गूगल ने अपनी रणनीति को बदला और 2000 के बाद गूगल सर्च इंजन आम लोगों के बीच अपनी जगह बनाने लगा। 2006 तक गूगल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सर्च एंजिन बन गया। उसके बाद से गूगल की कमाई दिन दूनी और रात चौगुनी बढ़ने लगी। गूगल ने जब यूट्यूब का अधिग्रहण 2006 में किया, उसके बाद से गूगल की किस्मत बदलना शुरू हुई। विज्ञापन और इंटरनेट पर सर्च के माध्यम से गूगल सर्च इंजन का विस्तार दुनिया के अधिकांश देशों में हो गया।
2004 में गूगल ने जीमेल सेवा शुरू की। इसने काफी जल्द अपना स्थान बनाया और दूसरे ईमेल संचालित करने वाली कंपनियों को करारी मात दी। 2005 में गूगल पर गूगल मैप और गूगल अर्थ लांच हुए। 2006 में यूट्यूब की सेवाएं शुरू हो गई, जो बड़ी तेजी के साथ 190 देशों में लगभग 150 भाषाओं पर होने से आज गूगल का प्रभाव देखने को मिल रहा है।
- दुनिया की चौथी बड़ी कंपनी
गूगल आज 59 लाख करोड़ रुपए मूल्य की दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। गूगल ने पिछले एक दशक में जिस तेजी के साथ अपना प्रभाव 190 देशों में बनाया और जितनी तेजी से अपनी कमाई बढ़ाई, उसने सारी दुनिया को चौका दिया। गूगल के प्रभाव के कारण धीरे-धीरे याहू और अन्य सर्च इंजन वाली कंपनियां लुप्त होती चली गई। आज गूगल एकाधिकार के बल पर सारी दुनिया पर राज कर रहा है। पिछले एक दशक में गूगल के लिए चुनौतियां भी बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही हैं। गूगल की एकाधिकार की प्रवृत्ति के कारण अमेरिका और अन्य देशों में उसके खिलाफ मुकदमें बाजी भी शुरू हो गई है, जिसके कारण कंपनी को अब चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
28 September 2018

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