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मुंबई डांस बार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

नई दिल्ली / मुंबई डांस बार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जीविका कमाने का अधिकार सभी को है। कोर्ट ने सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया है।  इस दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि नया कानून संवैधानिक दायरे में आता है और यह गैर कानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुंबई में ऐसा लग रहा है कि मोरल पुलिसिंग हो रही है।  कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के कड़े नियमों की वजह से मुंबई में एक भी डांस बार का परिचालन नहीं हो पा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदल गई है। कोर्ट ने कहा कि पुरानी फिल्मों में चुंबन और प्यार भरे दृश्यों के लिए दो फूलों का मिलना और दो पक्षियों का चहचहाना दिखाया जाता था। डांस बार मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनका लाइसेंस रिन्यूवल नहीं हो रहा है। नए लाइसेंस भी नहीं मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश में राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा लिया था। लेकिन राज्य सरकार ने नए लाइसेंस व पुराने लाइसेंस को लेने के लिए नियम कड़े कर दिए थे जिसकी वजह से डांस बार मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बार मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
31 August 2018





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