मेरे रक्तदान करने से किसी को जिंदगी मिलना सबसे बड़ी खुशी की बात : अधिवक्ता जितेंद्र चौहान - UP SANDESH
कानपुर देहात 14 जून 2018 (अमित राजपूत) अगर मेरे रक्तदान की वजह से किसी को जीवनदान मिलता है तो इससे बड़ी खुशी की बात मेरे लिए और क्या हो सकती है । यह बात विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल अकबरपुर कानपुर देहात में स्वैक्षिक रक्तदान करने के उपरान्त सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने कही।जितेन्द्र ने विश्व रक्तदान दिवश के मनाने के महत्व को बताते हुए कहा कि रक्त दाता इस दिन एक मुख्य भूमिका में होता है क्योंकि वो जरुरतमंद व्यक्ति को जीवन बचाने वाला रक्त दान करता हैं।कहा कि रक्त-आधान लंबे और गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने के लिये उन्हें प्रेरित करता है और कई प्रकार के स्वास्थ्य सम्बन्धी जीवन से जुड़े खतरों से पीड़ित मरीज को न सिर्फ मदद प्रदान करता है,बल्कि ये पूरे विश्वभर में ढ़ेर सारी जटिल मेडिकल और सर्जिकल प्रक्रिया को सुलझा देता है।कहा रक्त प्राप्तकर्ता के लिये रक्त दान क्रिया, एक अनमोल उपहार और नया जीवन पाना है।जितेन्द्र ने कहा कि जिंदा रहने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी रक्त (ब्लड) को अभी तक नहीं बनाया जा सका है,और खून की कमी को केवल रक्तदान के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है इसके अलावा रक्त का कोई विकल्प नहीं है इसलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है |विश्व रक्तदान दिवस के मनाने के मह्त्व को बताते हुए जितेंद चौहान ने कहा कि रक्त की कमी को पूरा करने और अधिक से अधिक रक्त दाताओं को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करते हेतु इसे पूरे विश्व में 14 जून को मनाया जाता है, किन्तु रक्तदान से लोगों के मन मे जुड़ी भ्रांति व शंकाओ पर जितेन्द्र चौहान ने कहा कि लोगों के मन मे यह भ्रांति व शंका होती है कि रक्तदान से उसके शरीर मे कमजोरी आ जाती है,जो निराधार शंका है,वास्तव में लोगों को जानकारी होना चाहिए कि रक्त चार प्रकार के तत्वों से निर्मित होता है – रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा से, जब कोई व्यक्ति रक्तदान (ब्लड डोनेशन ) करता है, तो दो से तीन दिनों के भीतर उसके शरीर में प्लाज्मा का दोबारा निर्माण हो जाता है,जबकि रेड ब्लड सेल्स को बनने में एक से दो महीने लग सकते है | इस तरह कोई व्यक्ति तीन महीने बाद दुबारा रक्तदान कर सकता है,और इससे शरीर मे कोई कमी नही आती। रक्तदान के फायदे बताते हुए जितेन्द्र चौहान ने कहा कि रक्त-दान करने से शरीर में आयरन का संतुलन बना रहता है और ह्रदय रोग का खतरा कम होता है |नियमित तौर पर रक्त-दान करने से आयरन नियंत्रित रहता है ,जो कि, बृद्धावस्था में होने वाली बीमारी डिमेंशिया या अल्जाइमर से आपकी सुरक्षा करता है बताया कि शरीर में आयरन के अनियंत्रित रहने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है | व्यक्ति के शरीर से आयरन निकलने की प्रक्रिया बहुत धीमी होती है | ऐसे में रक्त दान करने से इसका सही संतुलन बना रहता है |कहा कि रक्त-दान से सेहत को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं होता | रक्त-दान के दौरान केवल 350 एमएल खून ही लिया जाता है जिसकी पूर्ति दो – तीन दिन में हो जाती है |रक्त-दान पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है | इसमें सुई की हल्की चुभन के अलावा कोई दर्द नहीं होता है | यह एक साधारण कष्टरहित प्रकिया है ।अत ऐसे में जितेन्द्र चौहान ने कहा कि वह वर्ष में कम से कम एक बार रक्तदान अवश्य करते है और आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि 18 से 60 वर्ष के मध्य के हर ब्यक्ति को वर्ष में कम से कम एक बार मानवता हित में रक्तदान अवश्य करें।
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