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बढ़ते प्रदूषण से संक्रमित हो रहे बच्चों के फेफड़े - UP SANDESH

कानपुर 17 अप्रैल 2018 (विशाल तिवारी) शहर में जगह-जगह चल रही खुदाई के कारण धूल-मिटटी तथा प्रदूषण का सीधा असर बच्चो पर पड़ रहा है। यह प्रदूषण बच्चो के फेफड़ों को संक्रमित कर रहा है बच्चों को खांसी के साथ सांस लेने में दिक्कतें आ रही है। ऐसे संक्रमित बच्चों की संख्या हैलट और उर्सला अस्पतालों में दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। जिनपर प्रदूषण का असर है। डाक्टरो द्वारा अभिभावकों को बच्चों के प्रति सावधानी बरतने की सलाह भी दी जा रही है।


शहर में चारो तरफ चल रही खुदाई के कारण धूल-मिटटी का गुब्बार उड़ता है। साथ ही वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने के साथ साँस लेने में शरीर के भीतर प्रवेश कर रहे हानिकारक कण बच्चो की सेहत पर सीधा नुकसान पहुंचा रहे है। डाक्टरो की माने तो वर्तमान में बढ़ते प्रदूषण की चपेट में बच्चे अधिक आ रहे है। स्कूल आते-जाते समय बच्चो को प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। बच्चो का शरीर आम इंसान की तुलना में कमजोर होता है, और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। ऐसे में बच्चो मे संक्रमण जल्द बढ़ता है। इसके साथ ही धूल मिटटी में होने वाली हानिकारक बैक्टीरिया भी बच्चो के सेहत पर असर डाल रही है। ऐसे में अधिकतर डॉक्टर अभिभावकों को सलाह दे रहे हैं की बच्चो को ज्यादा से ज्यादा धूल-मिटटी व गंदगी से बचाये। बाजार में बिकने वाली खाघ सामग्री का उपयोग न करे। गर्मी के मौसम में बाजार में बिकने वाले कटे फलों को मत खाएं। बच्चो को घर से निकलते समय बोतल में पानी भरकर दे। यदि सावधानी बरती जाये तो बच्चो के संक्रमित होने का खतरा हम कम जरूर कर सकते है।

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