कानपुर पुलिस बनी शक्तिमान शहर में शांतिपूर्ण रहा भारत बंद
कानपुर 10 अप्रैल 2018 (विशाल तिवारी) दलित समाज के बाद मंगलवार को आरक्षण विरोधियों ने भारत बंद का आवहन किया था। सुबह से ही एसएसपी अखिलेश मीणा पैदल चौराहों और गलियों में गश्त करते रहे। कुछ स्थानीय नेता बंद को सफल बनाने के लिए बाहर निकलने का प्लॉन बना रहे थे। जिन्हें पुलिस ने घर के अंदर कैद कर दिया। हर चौक चौराहों और सड़कों पर पुलिस मुस्तैद रही है। चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किये गये थे। सुबह 7 बजे से ही सभी अधिकारीगण अपने क्षेत्र में भ्रमण करने के लिए निकल गए थे। एसएसपी ने बताया कि जिले में धारा 144 लागू है और 5 या 5 से ज्यादा लोगों को एकत्रित नहीं होने दिया जा रहा है। कानपुर जिले में महौल शांतिपूर्ण रहा। पूरे शहर में पुलिस का कड़ा पहरा दिखा। हर आने-जाने वाले से पूछताछ की गई और प्रदर्शन करने वालों को पुलिस ने पहले ही घर के अंदर कैद कर दिया। रावतपुर गांव में कुछ लोग प्रदर्शन के लिए बाहर निकले, जिन्हें पुलिस ने डंडा पटक कर खदेड़ दिया। डीएम सुरेंद्र कुमार ने देरशाम से जिले में धारा 144 लगा दी थी और इसका पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही थी।
गृह मंत्रालय ने कहा कि अपने इलाकों में होने वाली किसी भी हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। इसी के चलते डीएम और एसएसपी ने पूरी तरह से कमर कस ली थी। इसके तहत संवेदनशील स्थानों पर गस्त बढ़ाना और बंद के दौरान उत्पात की आशंका वाले जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई।
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