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हिमांशी के पैरों में आयी जान, अब फिर से चल सकेगी हिमांशी


कानपुर 6 अप्रैल 2018 (विशाल तिवारी) बिधनू के करसुई गाव की रहनेवाली 18 वर्षीय हिमाशी एक बार फिर से अपने पैरों पर चलने-फिरने लगेंगी। कुछ दिनों पहले शिक्षाशास्त्र का पेपर देने जाते समय गल्ला मंडी के पास ट्रक की चपेट में आने से हिमाशी का बायां पैर ट्रक के पहिये से कुचल गया था। पहले उसे नौबस्ता स्थित नर्सिग होम में भर्ती कराया गया। जहाँ 22 दिन के इलाज में फायदा नहीं हुआ। इलाज में करीब 1.50 लाख रुपये खर्च हो गए। वहां से डॉक्टर ने हैलट अस्पताल रेफर कर दिया। 15 दिन एलएलआर में इलाज के बाद लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी रेफर कर दिया। वहाँ आपरेशन के लिए 3 माह बाद की तारीख मिलने पर हिमांशी को कानपुर के स्वरूपनगर स्थित नर्सिग होम में भर्ती कराया गया। चार माह के इलाज में पैर का ऊपरी हिस्सा ठीक हो गया, लेकिन पंजा यथावत रहा। इस दौरान इलाज में तीन लाख रुपये खर्च हुए।आपरेशन के बाद हिमांशी बैसाखी के सहारे चलने लगी। पिता चाहते थे कि बेटी बिना किसी सहारे के चले। उन्होंने बेटी को बिधनू सीएचसी की सर्जन डॉ. मिनी अवस्थी और आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. आरके गौतम को दिखाया। दोनों डॉक्टरों ने 15 मार्च को प्लास्टिक सर्जरी करने का निर्णय लिया। ऑपरेशन के लिए भीतरगाव सीएचसी के एनस्थेटिक डॉ. अजय मौर्य बुलाए गए। उसके बाद हिमाशी के पैर के पंजे की प्लास्टिक सर्जरी की गई। वह 20 दिन से सीएचसी में भर्ती है। उसकी स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। जल्द ही वह बिना बैसाखी का सहारा लिए चल सकेगी।

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