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पेट्रोल पंप में लूट की फर्जी सूचना पर पहुँची बाबूपुरवा पुलिस ने पत्रकारों को पीटा

कानपुर 13 अप्रैल 2018 (विशाल तिवारी) भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही कानपुर में पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करना काफी महंगा पड़ रहा है। कानपुर पुलिस के पत्रकारों के प्रति क्रूरतापूर्ण व्यव्हार के चलते समाज का चौथा स्तम्भ शहर में दिन प्रतिदिन खोखला होता जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी जी एवं पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है, वरना पिछली सरकारों और भाजपा सरकार में कोई फर्क नहीं रह जायेगा।


ताजा मामला बाबूपुरवा थाना क्षेत्र का है बीती रात तकरीबन 1 बजे इलाके में स्थित राजकुमार फिलिंग स्टेशन पेट्रोल पंप पर 2 पत्रकार अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवा रहे थे, तभी साथी पत्रकार के पेट्रोल में घटतौली का विरोध करने पर पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने पंप मालिक के इशारे पर पत्रकारों के साथ गाली-गलौज करनी शुरू कर दी। पत्रकारों ने पंप कर्मचारियों से गाली-गलौज न करने की बात कही तो उन्होंने पत्रकारों को पीटना शुरू कर दिया। इसी बीच किसी पंप कर्मचारी ने पत्रकार के गले से सोने की चैन तोड़ ली।


पत्रकारों को पीटने के बाद एक पेट्रोल पंप कर्मचारी ने बाबूपुरवा पुलिस को पंप पर लूट होने की फर्जी सूचना दे दी। सूचना पर कुछ दी देर में सादी वर्दी में बाबूपुरवा पुलिस अपनी प्राइवेट गाड़ी लेकर पहुँच गयी। हद तो तब हो गयी जब पुलिस ने बिना मामले को सोचे समझे बिना पत्रकारों का पक्ष जाने उनको पीटते हुए थाने में ले जाकर बंद कर दिया। जिसके बाद पेट्रोल पंप मालिक ने पत्रकारों के खिलाफ पेट्रोल पंप पर लूट करने की फर्जी एप्लीकेशन दे दी।


पुलिस के द्वारा पेट्रोल पंप मालिक और कर्मचारियों पर कार्रवाई न करने एवं उल्टा पत्रकारों को पीटने से कानपुर के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है। पीड़ित पत्रकारों ने पुलिस एवं पेट्रोल पंप कर्मियों के द्वारा किये गए दुर्व्यवहार की शिकायत उच्चाधिकारियों से की है। पत्रकारों का कहना है कि उनके साथ किये गए दुर्व्यवहार की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। 


कानपुर के कई पत्रकार संगठनों का कहना है कि कानपुर पुलिस आये-दिन किसी न किसी पत्रकार के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार करती रहती है, लेकिन मौजूदा सरकार व पुलिस प्रशासन के द्वारा कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जाता है। जिस कारण कानपुर में समाज को सच्चाई का आईना दिखाने वाला चौथा स्तम्भ दिन प्रतिदिन खोखला होता जा रहा है।


पत्रकार संगठनों का ये भी कहना है कि जब तक इस मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार व जिला प्रशासन के द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाता है, तब तक कानपुर के पत्रकार संगठन इस बात का विरोध करते हुए। पत्रकार संगठनों के सभी पत्रकार जिला प्रशासन व मौजूदा सरकार की सभी प्रेस वार्ताओं का बहिष्कार करेंगे। जिसकी जिम्मेदार बाबूपुरवा पुलिस होगी।


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