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क्या काकादेव थाने के सिपाहियों के आगे बेबस हो गए हैं अधिकारी ?


कानपुर (सूरज वर्मा).
जिले का एक ऐसा थाना है जहां तैनाती के लिए एक नही बल्कि 03 सिपाही एड़ी चोटी का जोर लगा देते हैं. भला ऐसा हो भी क्यों न? इस थाने पर पोस्टिंग के बाद पुलिस वाले शायद अकूत संपत्ति जुटा लेते हैं ? जो ट्रांसफर होने के बाद भी नही जाना चाहते हैं दूसरे थाने ?? जी हां! हम बात कर रहे हैं काकादेव थाने की. वही काकादेव थाना जो आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां से बहुत बड़ा ड्रग्स माफिया सुशील बच्चा फरार होने के बाद कोर्ट में सरेंडर कर चुका है । 
 
 
 
काकादेव थाना फिर से चर्चा में है और इस बार चर्चा यहां तैनात कुछ कांस्टेबलों की वजह से हो रही है. इस थाने के तीन सिपाही ट्रांसफर होने के बाद भी दूसरे थाने जाना ही नहीं चाहते, आखिर किस की कृपा दृष्टि इन सिपाहियों पर बसी हुई है जो कोई भी अधिकारी काकादेव थाने से इन तीनों सिपाही की रवानगी नहीं करना चाहते हैं ??? काकादेव थाने में एक बार जो भी सिपाही आ जाता है वो कहीं और क्यों नही जाना चाहता है, ऐसे ही तीन सिपाहियों की चर्चा इस टाइम जोरों पर है. 
 
 
तीन सिपाही ऐसे हैं जो ट्रांसफर होने के बाद भी नहीं जाना चाहते हैं. पहले तो अपने बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने की मजबूरी बताकर रुकते हैं। बाद में कोई अधिकारी से तो कोई नेता से जुगाड़ लगाकर जम जाते हैं. कहीं ना कहीं इन तीन सिपाही पर ऊपर से कृपा बरसी हुई है. एक अन्य सिपाही ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि यह तीन सिपाही काफी सालों से इसी थाने में पोस्टिंग पर हैं और बीते वर्ष 2019 में इनका ट्रांसफर हो गया था, फिर भी यह तीनों लोग काकादेव थाने से जाना नहीं चाहते हैं। 
 
 
आरोप है कि इन तीनों ने किसी न किसी तरीके से जुगाड़ लगाकर अपनी रवानगी नहीं कराई है। हो सकता है इन तीनों सिपाहियों की सेटिंग बहुत ऊपर तक हो इसीलिए कोई भी अधिकारी इन सिपाही को कहीं और भेज नहीं पाया। अब ये तो अधिकारी ही जाने की इन पर किसकी कृपा दृष्टि बनी हुई है ?? सीओ स्वरूप नगर महेंद्र सिंह देव से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी वो छुट्टी पर हैं, वापस आते ही बहुत जल्दी उचित कार्रवाई करेंगे।
 

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