ट्रान्सफर/पोस्टिंग कराने के नाम पर पैसे वसूलने वाला कथित पत्रकार गिरफ्तार
लखनऊ. अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर ठगी करने वाले शातिर ठग को धर दबोचने में यूपी एसटीएफ ने सफलता हासिल की है। वायरल आडियो क्लिप के मामले में शासन के निर्देश के बाद यूपी एसटीएफ मामले की जाँच कर रही थी। पकड़े गये ठग का नाम गाजियाबाद निवासी पीयूष अग्रवाल बताया जा रहा है।
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के
निर्देशन में एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह, के नेतृत्व में गठित टीम ने
शातिर ठग को दबोच लिया, ठग पीयूष अग्रवाल ने पूछताछ पर बताया कि वह
तथाकथित एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं डी0डी0 न्यूज का पत्रकार है वायरल हुई
आडियो क्लिप के बारे में स्वीकार करते हुये बताया कि वायरल क्लिप में उसके व
कमलेश के मध्य हुई वार्ता है। उसके सोसायटी में रहने वाले गौरीकान्त
दीक्षित से उसका पारिवारिक सम्पर्क है, जो धोखाधड़ी के कार्यो में लिप्त
रहते हैं। गौरीकान्त दीक्षित ने कई धोखाधड़ी के कार्य किये हैं तथा जेल भी
गये हैं। गौरीकान्त दीक्षित ने उससे एक आईएएस को उपाध्यक्ष, कानपुर नगर
विकास प्राधिकरण (KDA VC) के पद पर नियुक्ति कराने के लिये कहा था, तब उसने
गौरीकान्त दीक्षित से कहा कि इस कार्य हेतु सवा करोड़ रूपये खर्च होगा।
इसी सिलसिले में वह गौरीकान्त दीक्षित
के साथ एवं अकेले लखनऊ कई बार आया था। गौरीकान्त ने ही कमलेश से मेरी
मुलाकात लखनऊ मेें कराई थी। कमलेश एवं उक्त आईएएस के रिष्तेदार दोनों
बिजनेस पार्टनर हैं। गौरीकान्त के ही कहने पर कमलेश दिनांक-02.03.2020 को
फोन पर बात करके मुझसे मिले और राजधानी के एक होटल में आकर एक लिफाफे में
एडवांस के 15 लाख रूपया दिया था, जिसमेें से उसी समय 2 लाख रूपया कमलेश को
दे दिया था तथा 2 लाख गौरीकान्त दीक्षित के बैंक खाते में जमा करवा दिया
था।
शेष 11 लाख रूपये लेकर इटावा
होते हुये दिल्ली चला गया था। ट्रान्सफर कराने हेतु हरसंभव प्रयास किया
किन्तु लाकडाउन होने के कारण किसी से सम्पर्क नहीं हो सका, जिसके कारण काम
नहीं होने पर कमलेश पैसा वापस मांगने लगे। गौरीकान्त दीक्षित से बात हुई।
उक्त पैसा गौरीकान्त दीक्षित के साथ मिलकर धोखाधड़ी से किसी को देने के नाम
पर लिया था, और यह सोचा था कि अपने सम्पर्को के माध्यम से काम करवा दूंगा।
इसी बीच गौरीकान्त को साउथ दिल्ली पुलिस ने किसी मामले में गिरफ्तार कर
लिया, जिसमें वह जेल चला गया था, जिसकी जमानत कराने में करीब ढाई तीन लाख
रूपये खर्च हो गया।
मकान का किराया, बिजली का बिल
एवं बच्चों के फीस आदि बकाया थी, जिसका भुगतान इन्हीं रूपयों से कर दिया था
तथा शेष बचे हुये रूपये लाकडाउन में इधर-उधर खर्च हो गये। काम न हो पाने
के कारण कमलेश पैसा वापस करने हेतु दबाव बनाने लगे तथा आपसी विवाद हो गया,
तब गौरीकान्त दीक्षित ने उसके व कमलेश के मध्य हुई वार्तालाप का आडियो
पत्रकार के माध्यम से वायरल करा दिया। जांच से गिरफ्तार अभियुक्त पीयूष का
पत्रकार डीडी न्यूज का परिचय पत्र भी फर्जी पाया गया। गिरफ्तार पीयूष अग्रवाल के
विरूद्ध थाना विभूति खण्ड गोमतीनगर लखनऊ में मु0अ0सं0-242/2020
धारा-420,467,468, 471,201,120बी भा0दं0वि0 व 66 आई0टी0 एक्ट पंजीकृत कराया
गया है।
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