तो कौन करायेगा रोहिंग्या मुस्लिमों उत्पीड़न की जांच
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार दूत ने कहा है कि म्यामांर रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ हुए दुर्व्यवहारों की जांच के लिए न तो इच्छुक है और न वह इसमें सक्षम है। उनके इस कथन से देश के सैन्य जनरलों को अंतरराष्ट्रीय अदालत तक ले जाने के आह्वान को बल मिला है।
यूएन की मानवाधिकार दूत ने यह भी अनुशंसा की कि संयुक्त राष्ट्र को 'म्यामांर का मुद्दा फौरन ही अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत के पास भेज देना चाहिए। तथ्यों की तलाश करने वाले संयुक्त राष्ट्र के एक मिशन ने रखाइन प्रांत में नरसंहार, मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों और रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ की गई नृशंस कार्रवाई में म्यामांर सेना के शीर्ष अधिकारियों की भूमिका की जांच करने का आह्वान किया है। इस नरसंहार के चलते 7,20,000 अल्पसंख्यकों को मजबूरन देश छोड़कर बांग्लादेश भागना पड़ा था।
10 October 2018
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