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मानव विकास सूचकांक में भारत एक पावदान खसका


नई दिल्ली / संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में एक स्थान ऊपर चढ़कर 130वें स्थान पर पहुंच गया है। दक्षिण एशिया में भारत का मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) का मूल्य क्षेत्र के औसत 0.638 से अधिक है।
इस सूची में बांग्लादेश और पाकिस्तान क्रमश:136 और 150वें स्थान पर हैं। 2016 में भारत का स्थान 131 था। एचडीआई में मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों में दीर्घकालिक प्रगति का आकलन किया जाता है। इन तीन आयामों में लंबा और स्वस्थ जीवन,ज्ञान का प्रसार और रहन-सहन का अच्छा स्तर है। इस वरीयता सूची में नॉर्वे,स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया,आयरलैंड और जर्मनी ऊपर हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत की सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1990 से 2017 के बीच 266.6 प्रतिशत बढ़ गई। भारत के एचडीआई मूल्य का करीब 26.8 प्रतिशत असमानताओं की वजह से कम हो जाता है। 

रिपोर्ट बताती है कि असमानता भारत के लिए चुनौती बनी हुई है। केंद्र सरकार और अनेक राज्य सरकारों ने विभिन्न सामाजिक संरक्षण उपायों के जरिये यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि आर्थिक विकास का लाभ व्यापक रूप से साझा किया जाए और कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहले पहुंचे। इसमें कहा गया है कि भारत में नीति और विधायी स्तर पर काफी प्रगति होने के बाद भी महिलाएं राजनीतिक, आर्थिक तथा सामाजिक रूप से पुरुषों की तुलना में कम सशक्त हैं।   
15 September 2018

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