मोबाइल, सोशल मीडिया और हमारे बच्चे
कानपुर 18 अगस्त 2018 (Mohammad Azam). कई बार हम ये समझ ही नहीं पाते की हमारे बच्चे कम उम्र में ही या ये कहें कि छात्र जीवन से निकल कर उससे आगे किसी ओर जीवन में चले जाते है और हम ये समझ ही नई पाते कि बच्चे ने अपनी एक अलग दुनिया बना ली है जहां उसका वास्तविक जीवन से कोई लेना देना है ही नहीं। छात्र जीवन मे जितना कम से कम हो उतना कम सोशल मीडिया का इस्तेमाल करे अधिक से अधिक समय अपनी पढ़ाई और अपने खेल कूद पर दे और बच्चे अपना शरीरिक और मानसिक विकास बराबर से कर सके।
बच्चों के लिए के लिए क्लास 9,10,11,12 बहुत महत्वपूर्ण होती है। इन चार सालों में बच्चों को बिल्कुल भी सोशल नई होना चाहिए जितना हो सके इस की लत से बचना चाहिए।मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से बच्चों में अनेक प्रकार की बिमारिया हो रही हैं जैसे माइग्रेन( सर दर्द) ,नींद न आना,कई बार इसके अधिक इस्तेमाल से आंखों पे भी बुरा असर पड़ता है। अभिभावकों से यही अपील है कि अपने बच्चों को बहुत कम से कम मोबइल इस्तेमाल करने दे।बहुत ज़रूरत पड़ने पर ही मोबाइल का इस्तेमाल करने दे।
बच्चों के लिए के लिए क्लास 9,10,11,12 बहुत महत्वपूर्ण होती है। इन चार सालों में बच्चों को बिल्कुल भी सोशल नई होना चाहिए जितना हो सके इस की लत से बचना चाहिए।मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से बच्चों में अनेक प्रकार की बिमारिया हो रही हैं जैसे माइग्रेन( सर दर्द) ,नींद न आना,कई बार इसके अधिक इस्तेमाल से आंखों पे भी बुरा असर पड़ता है। अभिभावकों से यही अपील है कि अपने बच्चों को बहुत कम से कम मोबइल इस्तेमाल करने दे।बहुत ज़रूरत पड़ने पर ही मोबाइल का इस्तेमाल करने दे।
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