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2019 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टी के निष्क्रिय नेताओं के कसे गए पेंच - UP SANDESH

कानपुर। 2019 लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। सभी राजनीतिक दल अपनी चुनावी विषाद बिछाने में लग गए हैं। जहां एक तरफ भाजपा अपना चुनावी गणित लगा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी राजनैतिक दल मोदी का विजय रथ रोकने के लिए महा गठबंधन बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। जिसमें सभी राजनीतिक दल अपने निष्क्रिय कार्यकर्ताओं के पेच कसने में लगे हुए हैं। कुछ यही हाल समाजवादी पार्टी का भी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक युवा के ऊपर भरोसा जताया और उसे समाजवादी पार्टी ग्रामीण का जिलाध्यक्ष बनाया। राघवेंद्र सिंह यादव अखिलेश के भरोसे पर खरा उतरने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जिसका नतीजा यह है। कि उन्होंने अपनी कमेटी को ऐसा तैयार किया है। जो 2019 में मोदी का विजय रथ रोकने में सक्षम है और किसी मठाधीश की मठाधीसी भी नहीं चलने दी। राघवेंद्र सिंह यादव ने एक सोच बना ली है। कि जो पार्टी के लिए काम करेगा पद पर वही रहेगा। पार्टी में काम करने वालों की जगह है। काम ना करने वालों की नहीं। सपा ग्रामीण के कुछ निष्क्रिय पदाधिकारियों को पद से निष्कासित किया गया है। जो पार्टी के लिए कुछ काम नहीं कर रहे थे। शिक्षक सभा के जिलाध्यक्ष शरद यादव को पार्टी से निष्कासित किया गया है। बूथ कमेटी निर्माण का कार्य सही से ना कर पाने पर बिल्हौर नगर इकाई को तत्काल रुप से भंग किया किया गया है। समाजवादी सोच के पुराने वरिष्ठ बुजुर्ग भी राघवेंद्र सिंह यादव की सोच से प्रभावित है। और वह भी कहते हैं। कि अब कोई समाजवादी पार्टी ग्रामीण को यह अच्छा अध्यक्ष मिला है। जो समाजवादी पार्टी ग्रामीण के लिए काम कर रहा है। सपा ग्रामीण को मजबूत कर रहा है।

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