शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर दिया धरना - UP SANDESH
कानपुर देहात 23 मई 2018 (अमित राजपूत) प्रदेश के एक लाख बहत्तर हजार शिक्षमित्रों के स्वयम के जीवन गुजर बसर तक संकट में नही है बल्कि इसके कई पहलू है जिनमे उन शिक्षामित्रों के परिवारों का पालन पोषण भी बच्चो की शिक्षा आदि भी शामिल है जो उनके वेतन पर आश्रित है। जिनके प्रति सरकार को सरकार को समय रहते ध्यान देना चाहिए। यह बात सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने आदर्श समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय कानपुर देहात के बाहर आज दिए गए धरना प्रदर्शन के दौरान कही जितेन्द्र चौहान ने शिक्षामित्रों के शांतिपूर्ण आंदोलन को समर्थन देते हुए शिक्षा मित्रों की अठारह वर्ष पूर्व की गई नियुक्ति प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए कहा कि, सर्व शिक्षा अभियान को गति को सार्वभौमिक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 65 % तथा राज्य के 35% के सहायोग से प्राथमिक विद्यालयो में शिक्षको की कमी दूर करने की योजना 2001 में बनाई।उत्तर प्रदेश में भी यह योजना लागू की गई और नियुक्त के पहले इन चयनित संविदा शिक्षको के एक माह के आवासीय प्रशिक्षण के लिए सम्बंधित जिला शिक्षा एव प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षित किया गया और इनसे लगातार शिक्षण कार्य लिया गया और 2009 में आर टी ई लागू होने पर इन्हे एन सी टी ई से अनुमति लेकर दुरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षित कर वर्त्मान में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया तब इस पद पर नियुक्ति भले ही अवैध प्रक्रिया से ही क्यों न ही किन्तु यह सारी प्रक्रिया सरकार के द्वारा ही पूर्ण की गई इसमे नियुक्त शिक्षामित्र जिनमे कई तो पचास पचपन वर्ष की उम्र के हो चुके हैं, का कोई दोष न होते भी वह व उनका परिवार दण्ड पा रहे है जिसका समाधान तार्किक, ब्यवहारिक व मानवीय। दृष्टिकोण को अपनाते हुए सरकार को करना चाहिए।धरने के दौरान भोगनीपुर से भजपा विधायक विनोद कटियार व सिकन्दरा से भाजपा विधायक अजीत पाल भी पहुँचे और उन्होंने शिक्षामित्रों के आंदोलन को नैतिक समर्थन देते हुए कहा वह समायोजित व शिक्षामित्रों की वेदना को समझ रहे है और इसका समाधान मुख्यमंत्री से मिल कराने का प्रयास करेंगे और उन्हें ऐसे में ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री तक पहुचाने हेतु दी गयी।जिला बार एसोसिएशन के महामन्त्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि आन्दोलन में उनका पूर्ण सहयोग हर स्तर पर है।आन्दोलन रत आदर्श समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष महेन्द्र पाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ज्ञान सिंह राजावत, जिला कोषाध्यक्ष राघवेन्द्र त्रिपाठी, जिला महामंत्री देवेश दीक्षित, जिला प्रवक्ता अजय चन्देल, जिला महिला प्रभारी प्रियंका यादव, रोहित तिवारी, हरमोहन सिंह यादव आदि भारी संख्या में उपस्थित पीड़ित जन ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित जो ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा उसमे प्रमुख मांगे अध्यादेश के माध्यम से शिक्षामित्रों को को पुनः सहायक अध्यापक बनाया जाये, समान कार्य के लिये समान वेतन नियम लागू हो, टीईटी से छूट प्रदान की जाए, न्यायिक निर्णय के उपरान्त ह्रदयाघात से मृत पीड़ित परिवारों के सदस्यों को स्थाई रोजगार दिया जाए एवं आन्दोलनकारी जेल निरुद्द शिक्षामित्रों को रिहा कर सभी के खिलाफ कायम मुकदमों को समाप्त किया जाए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष महेंद्र पाल ने लखनऊ में धरना देने की भी बात कही। प्रमुख रूप से सिकन्दरा तहसील सिविल बार अध्यक्ष जनमेजय सिंह, दीपक यादव, विनोद कटियार आदि लोग मौजूद रहे।
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